मिन त खई : गढ़वलि ग़ज़ल विजय गौड़ 

नाम: विजय गौड़

मूल गाँव: बवाणी, विकास खण्ड: नैनीडाँडा, पौड़ी गढ़वाल

वर्तमान निवास: मॉडेस्टो, कैलिफोरनिया, अमेरिका

यख एक अमेरिकन ऑर्गेनाइज़ेशन मा “प्रिंसिपल डिस्टिलर” का पद पर छऊँ। कविता लगभग २० वर्ष कि अवस्था से हि लिखणु छऊँ। फ़ेसबुक, भिन्न-२ पत्रिकाओं, अंगवाल काव्य संग्रह आदि मा अनेकों कविता प्रकाशित ह्वेन। निरंतर गढ़वलि अर हिन्दी मा सृजन चलनु हि च। गीत लेखन, गायन अर अभिनय क क्षेत्र म बि रुचि च। रामा कैसेट्स से “कनि होलि वा” वीडियो एल्बम २००५ म निकलि अर २०२२ क बाद म अपणि यूट्यूब सरणी “कुद्ग्यलि बाई विजय गौड़” पर निरंतर नया गीत ऊँका चलचित्रों क साथ आणा छन। 

परिवार मा मेरी धर्मपत्नी शालिनी एवम् बेटा वत्सल अर बेटी वान्या यख अमरीका मा मेरा साथ मा छन। शेष परिवार भारत मा हि च। 

मिन त खई : गढ़वलि ग़ज़ल विजय गौड़

मिन त खई म्यरा भाग कु

तू बि बुखा त्यरू

मिथें मिलि म्यरू कर्मफल

ती मा छुचा त्यरू

मिन त खई………. 

हे लाटा तु जै कैमा नि

आँसू बगा म्येरि बात सुण

यि आँसु छन बड़ा अनमोल

यु हि पैंछु च त्यरू

मिन त खई………. 

ब्वे बाब नि कैका बि यख 

रौंदन भुला दगड़ा सदनि

क्वी ब्याली गै, क्वी भोल त

कैका जाला नेरूँ

मिथें मिलि ……….

पोर सोनपरी, ऐंसु ज्वालामुखी

हैंका साल होलि क्या जि वा

तब हवा सी छै, अब च बथों 

करू जोगौ क्या करु

मिन त खई………. 

हे माया तू कथगा बनि

क्य-क्य बणि बणि, आँदि छै तु

कबि ब्वे बणि, भैणि, सुवा

बेटि बि मुख त्यरू

मिथें मिलि म्यरू कर्मफल

ती मा छुचा त्यरू

@ विजय गौड़

Modesto, California